उन्नाव–बीघापुर। प्रयागराज में कुंभ ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से दिवंगत होमगार्ड जवान सुमित पटेल का शव सोमवार को उनके पैतृक गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। उनके परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।बिहार क्षेत्र के गांव गौरैया के रहने वाले 40 वर्षीय सुमित पटेल बिहार थाने में होमगार्ड के पद पर तैनात थे। उन्हें 15 दिसंबर 2024 को महाकुंभ ड्यूटी के लिए भेजा गया था। रविवार को कुंभ क्षेत्र में अचानक उनकी हृदय गति रुक गई, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
कुंभ ड्यूटी,घटना की सूचना मिलते ही सुमित के छोटे भाई मोनू उर्फ अमित कुमार गांव के पांच-छह लोगों के साथ प्रयागराज पहुंचे। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शाम करीब 7:25 बजे उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया। शव पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया।पत्नी ललिता, पति का शव देखते ही बेहोश हो गईं। होश में आने के बाद उन्होंने बिलखते हुए कहा, “अब मैं किसके सहारे जिऊंगी?” मां संतोष कुमारी बेटे के शव से लिपटकर फूट-फूटकर रो रही थीं। उन्होंने कहा, भगवान, मेरे बेटे की जगह मैं मर जाती तो अच्छा था। बुढ़ापे में इतना बड़ा दुख अब बर्दाश्त नहीं हो रहा।
सुमित के *पांच वर्षीय बेटे कृष्णा* का भी रो-रोकर बुरा हाल था। पूरा परिवार सदमे में था।
कुंभ ड्यूटी,साथियों और अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि
कुंभ ड्यूटी,होमगार्ड जवान की मृत्यु की खबर सुनकर क्षेत्रीय अधिकारी और साथी जवान भी उनके घर पहुंचे। बीईओ अमरेश, सहायक कंपनी कमांडर सुमेरपुर रामसेवक यादव, होमगार्ड श्याम तिवारी, नाग सिंह सहित कई अधिकारी और जवानों ने दिवंगत सुमित पटेल को श्रद्धांजलि दी और परिवार को ढांढस बंधाया।
इस घटना से गांव और विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रशासन से मदद की उम्मीद जताई जा रही है।
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