अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में AMU बीफ बिरयानी विवाद: हिंदू संगठनों ने जताया कड़ा विरोध

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU बीफ बिरयानी विवाद) के सुलेमान हॉस्टल में बीफ बिरयानी परोसे जाने के नोटिस को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में रविवार के लंच में चिकन बिरयानी की जगह बीफ बिरयानी परोसने की घोषणा की गई थी। जैसे ही यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, *हिंदूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया और विश्वविद्यालय प्रशासन से स्पष्टीकरण की मांग की।

AMU बीफ बिरयानी विवाद,क्या है पूरा मामला?

AMU बीफ बिरयानी विवाद,सूत्रों के मुताबिक, 9 फरवरी 2025 को जारी एक नोटिस में सुलेमान हॉस्टल के डाइनिंग हॉल में चिकन बिरयानी के स्थान पर बीफ बिरयानी परोसने की जानकारी दी गई थी। नोटिस में कहा गया था कि यह बदलाव *छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस नोटिस पर डाइनिंग हॉल के सीनियर फूड इंचार्ज मोहम्मद फैयाजुल्लाह और मुजस्सिम अहमद भाटी के हस्ताक्षर थे।

जब यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो हिंदूवादी संगठनों और कुछ राजनीतिक दलों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर विरोध शुरू कर दिया।

AMU बीफ बिरयानी विवाद,हिंदूवादी संगठनों का विरोध और कार्रवाई की मांग

हिंदूवादी संगठनों ने AMU बीफ बिरयानी विवाद प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीफ बिरयानी परोसने का निर्णय जानबूझकर लिया गया, ताकि हिंदू छात्रों की धार्मिक भावनाएं आहत हों।उनका कहना है कि विश्वविद्यालय को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।कई हिंदू संगठनों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया, तो वे प्रदर्शन तेज करेंगे।

AMU प्रशासन की प्रतिक्रिया

AMU बीफ बिरयानी विवाद प्रशासन ने अब तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, विश्वविद्यालय सूत्रों का कहना है कि प्रशासन इस मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करने का प्रयास कर रहा है।

कुछ अधिकारियों का कहना है कि हॉस्टल में भोजन व्यवस्था छात्रों की मांग और उनकी खानपान की पसंद के अनुसार तय की जाती है। हालांकि, प्रशासन इस विवाद को देखते हुए आगे के फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।

AMU बीफ बिरयानी विवाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

AMU बीफ बिरयानी विवाद,यह मुद्दा सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।
– कुछ लोग इसे छात्रों की स्वतंत्रता और उनकी पसंद से जुड़ा मामला मान रहे हैं।
– वहीं, कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर* देख रहे हैं और AMU प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं।

विवाद के राजनीतिक मायने

विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद राजनीतिक रूप भी ले सकता है, क्योंकि अगले कुछ महीनों में कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर सकते हैं।

अब आगे क्या?

इस विवाद ने विश्वविद्यालय प्रशासन को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। अब देखना होगा कि AMU प्रशासन इस विवाद को कैसे संभालता है और आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।

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Writer :-Prashant Shukla

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