छत्तीसगढ़ में 13 महीनों में 240 नक्सली मारे गए: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी,रायपुर, 23 जनवरी 2025,छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में पिछले 13 महीनों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 1 जनवरी 2024 से 20 जनवरी 2025 तक चली विभिन्न मुठभेड़ों में 240 नक्सली मारे गए हैं। इनमें 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के इनामी नक्सली और शीर्ष कैडर्स शामिल हैं। यह आंकड़ा केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित है, जबकि आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र में मारे गए नक्सलियों की संख्या इससे अलग है।

बस्तर संभाग बना मुठभेड़ों का केंद्र
बस्तर संभाग बना मुठभेड़ों का केंद्र,बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में सुरक्षाबलों ने बड़े अभियान चलाए हैं। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने जानकारी देते हुए बताया कि इन इलाकों में नक्सली गतिविधियां सर्वाधिक हैं। खासकर आबूझमाड़ क्षेत्र, जो नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, वहां सुरक्षा बलों ने सफल ऑपरेशन किए हैं।
बढ़ी सुरक्षा और रणनीतिक कदम
बढ़ी सुरक्षा और रणनीतिक कदम,सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अपने अभियानों में स्थानीय जानकारी, आधुनिक तकनीक, और विशेष प्रशिक्षित बलों का इस्तेमाल किया है। नक्सलियों के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई ने उनकी ताकत और मनोबल पर असर डाला है।
नक्सली शीर्ष कैडर्स पर शिकंजा
नक्सली शीर्ष कैडर्स पर शिकंजा,मारे गए नक्सलियों में कई शीर्ष कैडर्स शामिल हैं, जिनकी पहचान के बाद राज्य और केंद्र सरकार ने इन्हें पकड़ने के लिए बड़े इनाम की घोषणा की थी। इन नक्सलियों का मारा जाना सुरक्षाबलों की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
स्थानीय सहयोग और विकास की पहल
स्थानीय सहयोग और विकास की पहल,सुरक्षाबलों के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी है। सड़कों, स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार से लोगों का विश्वास सरकार पर बढ़ा है, जिससे नक्सलियों का जनाधार कमजोर हुआ है।
नक्सलवाद पर प्रभाव
नक्सलवाद पर प्रभाव,छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की सक्रियता और सरकार की रणनीतिक नीतियों के कारण नक्सल गतिविधियों में कमी आई है। हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा करने के लिए अभी और प्रयासों की जरूरत है।
आईजी सुंदरराज पी. का बयान
आईजी सुंदरराज पी. का बयान,आईजी सुंदरराज पी. ने कहा, “सुरक्षाबलों के लगातार प्रयासों और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह सफलता मिली है। हम नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”यह मुठभेड़ों की श्रृंखला और सुरक्षाबलों की सक्रियता छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में एक नई उम्मीद जगाती है।
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