शुक्लागंज गंगाघाट,पानी की पाइपलाइन फटी: अमृत जल योजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा

पानी की पाइपलाइन फटी: अमृत जल योजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा,शुक्लागंज गंगाघाट,प्रधानमंत्री अमृत जल योजना के तहत नगर पालिका परिषद गंगाघाट में डाली जा रही पानी की पाइप लाइनों की टेस्टिंग के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है। वार्ड नंबर 9 मंशुखखेड़ा में पाइपलाइन की टेस्टिंग के दौरान कई जगहों पर पाइप फटने से खतरनाक गड्ढे बन गए, जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

शुक्लागंज गंगाघाट,पाइपलाइन फटने से उजागर हुई लापरवाही

शुक्लागंज गंगाघाट,पाइपलाइन फटने से उजागर हुई लापरवाही,पाइप फटने की वजह से इलाके में पानी का तेज बहाव हुआ, जिससे सड़कें धंस गईं और बड़े-बड़े गड्ढे बन गए। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि पाइपलाइन बिछाने के काम में निम्न गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल किया गया और इसे जल्दबाजी में पूरा किया गया। इसके अलावा, काम करने वाले मजदूरों ने भी बताया कि टेस्टिंग के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया गया।

शुक्लागंज गंगाघाट,स्थानीय लोगों का आक्रोश

शुक्लागंज गंगाघाट,स्थानीय लोगों का आक्रोश,मंशुखखेड़ा के निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों को घटिया निर्माण कार्य की शिकायत की, लेकिन किसी ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, “पाइपलाइन का काम शुरू से ही गलत तरीके से किया जा रहा था। अब ये हादसा साबित करता है कि हमारी शिकायतें सही थीं।

शुक्लागंज गंगाघाट,भ्रष्टाचार की बू

शुक्लागंज गंगाघाट,भ्रष्टाचार की बू,इस घटना ने अमृत जल योजना के तहत हो रहे कार्यों में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा किया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस योजना के तहत ठेकेदार और अधिकारियों ने मिलकर कमीशनखोरी की है। निम्न गुणवत्ता की सामग्री और बिना किसी निगरानी के किए गए काम से परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

शुक्लागंज गंगाघाट,अधिकारियों का बचाव

शुक्लागंज गंगाघाट,अधिकारियों का बचाव,नगर पालिका परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा, “पाइपलाइन की टेस्टिंग के दौरान ऐसा होना सामान्य बात है। हम जल्द ही गड्ढों को भरने और समस्या का समाधान करने का काम करेंगे।” हालांकि, इस बयान ने स्थानीय लोगों को संतुष्ट नहीं किया, और उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

सवालों के घेरे में योजना की पारदर्शिता

सवालों के घेरे में योजना की पारदर्शिता,यह घटना केवल एक तकनीकी गलती नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार और लापरवाही का जीवंत उदाहरण है।
1. क्या पाइपलाइन बिछाने में गुणवत्ता मानकों का पालन किया गया था?
2. योजना की निगरानी के लिए कौन जिम्मेदार है?
3. दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

आगे की कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।

निष्कर्ष

अमृत जल योजना जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अगर इनका क्रियान्वयन ईमानदारी और गुणवत्ता के साथ नहीं होता, तो ये आम जनता के लिए मुसीबत बन जाती हैं। सरकार और प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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